Daily Archives: जुलाई 12, 2009

तुमको इन्सान मानू

 ऊँचे नभ  मे उड़ती पतंग की शोखी  हर मन भाती है गिरते माँझे को संभाल लो तो तुझे इन्सान मानू उगते सूरज की हस्ती को झुक सलाम सब करते है डूबते सूरज को संभाल लो तो तुझे इन्सान मानू रंग बिरंगी महफ़िलो की हँसी सुहानी लगती … पढना जारी रखे

कविता में प्रकाशित किया गया | Tagged | 3 टिप्पणियां