कुछ तो हो जो ख़ास हो …

कुछ तो हो जो ख़ास हो
मुझमे भी कोई बात हो
दिलो को जो लुभा सके
ऐसा कोई अंदाज़ हो

यही चाहता है हर कोई
की दो मुट्ठी आसमा
हो इस जहाँ में ऐसा भी
जिस पर उसका राज़ हो

हो ऐसा इक आशियाँ कहीं
छत्त एक , कुछ दीवार हो
जो मेरी बाते समझ सके
जिन्हें मेरा इंतज़ार हो

 

मुझ में भी कोई बात हो
कुछ तो हो जो ख़ास हो
की जाऊं जब जहां से मैं
कुछ अश्को के नमक से
भीगे मेरे सर ताज हो ……..

दिलो को जो लुभा सके
कोई ऐसा अंदाज़ हो …

कुछ तो हो जो ख़ास हो.

About Gee

In Medias Res. Storyteller. Ghost Writer. Translator. Wanderer. Blogger. Writing the bestseller called Life. Candid photographer @ImaGeees. Sometimes Artist @artbyygee Please mail at artbyygee@gmail.com for commissioned art work or to buy handmade resin jewellery.
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2 Responses to कुछ तो हो जो ख़ास हो …

  1. anuj alankar कहते हैं:

    bahut achcha likhti hain aap. God bless u !

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  2. anuj alankar कहते हैं:

    bahut sundar likhti ho aap. kahani to behad achchi hai aur poems bhi. keep it up. God bless u

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